Jalaram Jayanti 2025: भक्ति और सेवा का पर्व – जानें संत जालाराम बापा की प्रेरक कहानी

हर साल Jalaram Jayanti देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। यह दिन संत जालाराम बापा (Saint Jalaram Bapa) की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने अपने जीवन को सेवा (Service) और मानवता (Humanity) के लिए समर्पित किया था। 2025 में भी यह पर्व भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रेरणा लेकर आ रहा है।

Jalaram Jayanti 2025 Date and Significance (तारीख और महत्व)

Jalaram Jayanti 2025 इस साल 26 नवंबर (Wednesday) को मनाई जाएगी। यह दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सातवीं तिथि (Saptami) को पड़ता है।
इस दिन संत जालाराम बापा के भक्त विशेष पूजा, भजन, और भंडारे (Community Feast) का आयोजन करते हैं।

संत जालाराम बापा का जन्म 1799 में गुजरात के विरपुर (Virpur, Gujarat) में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी से दान नहीं लिया, बल्कि हर जरूरतमंद को मदद दी। उनके आश्रम में आज भी “Jalaram Temple Trust” के तहत हर दिन हजारों लोगों को मुफ्त भोजन कराया जाता है — जिसे Jalaram Annakshetra कहा जाता है।

Teachings of Saint Jalaram Bapa (संत जालाराम बापा की शिक्षाएं)

संत जालाराम बापा का संदेश बहुत सीधा था — “सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है” (Service is the greatest religion)
उन्होंने हमेशा जाति, धर्म और भाषा से ऊपर उठकर लोगों की मदद की। उनके अनुयायी आज भी उनकी इस सोच को आगे बढ़ा रहे हैं।

उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं:

  • निस्वार्थ सेवा (Selfless Service) – बिना किसी उम्मीद के दूसरों की मदद करना।
  • विश्वास और विनम्रता (Faith & Humility) – ईश्वर और मानवता में विश्वास रखना।
  • दान और करुणा (Charity & Compassion) – जरूरतमंदों के प्रति करुणा दिखाना।

How Jalaram Jayanti Is Celebrated (कैसे मनाई जाती है जालाराम जयंती)

इस दिन भक्त मंदिरों में दर्शन (Darshan) करते हैं और भजन-कीर्तन (Devotional Songs) का आयोजन करते हैं।
गुजरात, महाराष्ट्र, और राजस्थान जैसे राज्यों में इस दिन भंडारा (Community Meal) का विशेष आयोजन होता है।
विरपुर में स्थित Jalaram Mandir में लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

सोशल मीडिया पर भी #JalaramJayanti और #JalaramBapa हैशटैग ट्रेंड करते हैं, जहां लोग उनके प्रेरक विचार और फोटो शेयर करते हैं।

Conclusion (निष्कर्ष)

Jalaram Jayanti 2025 सिर्फ एक धार्मिक दिन नहीं, बल्कि यह हमें निस्वार्थ सेवा, प्रेम और करुणा (Love and Compassion) का संदेश देती है।
संत जालाराम बापा की यह प्रेरक कहानी हमें याद दिलाती है कि जीवन का असली अर्थ दूसरों की भलाई में है।

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